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अब जीना ही तेरे बिना

मेरी कलम से !!
मेरी कलम से !!
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तू अगर दूर जाकर, हमसे बेखबर है..

तो हम भी खुश रहेंगे, ये तेवर है..००
.
मांगी एक दुआ, तो तू मिल गई..
बनाई एक दुनिया जो पल में उजड़ गई.
सुनेपन का अब जो मंजर है..
तो हम भी खुश रहेंगे, ये तेवर है..०१
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दर्द का क्या वो सहा भी बहुत..
अशुओ क सहारे वो बहा भी बहुत..
पूरी करले फिर से जो बाकि कसर है ..
तो हम भी खुश रहेंगे, ये तेवर है..०२
याद न आई, या मुझे भुला दिया..
मौत की आगोश में, जो मुझे सुला दिया..
जुदाई का दर्द जो समो सहर है..
तो हम भी खुश रहेंगे, ये तेवर है..०३
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अरमानो की चिता अब तिल-२ जल रही..
खुसिया भी अब इन हाथो से फिसल रही..
जिंदगी तेरे बिना, एक काँटों का घर है..
हमफिर भी खुश रहेंगे, ये तेवर है..०४
.
तू अगर दूर जाकर, हमसे बेखबर है..
हम भी खुश रहेंगे, ये तेवर है..००

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